असल जिंदगी में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने शुरुआत के दिनों में कठिन समय देखा, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर फर्श से अर्श तक का सफर भी तय किया। आज हम आपको एक ऐसे लड़के के परिश्रम और मेहनत की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो कभी सड़कों पर भीख मांगा करता था, लेकिन अब जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने जा रहा है।
ये हैं 14 साल के आर. मनीकंदन, जिन्हें ला लिगा क्लब रियल मेड्रिड की ओर से फुटबॉल टीम में खेलने का सुनहरा मौका मिला है।
ज्ञात हो कि साल 2011 में मनीकंदन अपनी बहन के साथ अलप्पुझा जिले के ओचिरा परब्रह्म मंदिर परिसर के बाहर कभी भीख मांगा करते थे। इसके बाद एक अनाथालय के सुपरवाइज़र श्रीकुमार ने भटकते मनीकंदन की मदद की और उसे कोल्लम के श्री नारायण ट्रस्ट सेन्ट्रल स्कूल भेजा।
साथ ही उसकी बहन को गर्ल्स चिल्ड्रेन होम भेजा दिया गया।
यहीं से मनीकंदन की जिन्दगी बदल गई। स्कूल में दाखिला मिलने के बाद मनीकंदन अपने कुछ साथियों के साथ पास के ग्राउंड में फुटबॉल खेलने जाता था। ऐसेही एक दिन उसे खेलते हुए कोच एमपी अभिलाष ने देख लिया और फिर मनीकंदन की जिन्दगी पूरी तरह बदल गई।
कोच ने मनीकंदन को ट्रेन करने का मन बना लिया। मनीकंदन के खेल में निरंतर निखार आता गया। मनीकंदन अब अंडर-15 आई-लीग के लिए खेलेगा। लिहाजा वह जुलाई में महीने भर के लिए स्पेन की यात्रा पर जा रहा है। यही नहीं, उसे फुटबॉल की अतिरिक्त ट्रेनिंग के लिए यूएस या लैटिन अमेरिका भेजा जाएगा।
सुपरवाइज़र श्रीकुमार के अनुसार, मनीकंदन शब्दों से नहीं, काम से शोर मचाता है। वह एक उम्दा खिलाड़ी है और उसकी टेकनिक और क्षमता उसे अन्य खिलाड़ियों से अलग करती है। उसे फुटबॉल को लेकर जूनून है और वह जरूर देश का नाम रौशन करेगा।
स्टार फुटबॉलर लियोनल मेस्सी को पसंदीदा खिलाड़ी मानने वाले मनीकंदन जैसी किस्मत चुनिंदा लोगों को ही मिलती है। अब उसे खुद को साबित करना है।