अब्राहमिक धर्म बाकियों से बुनियादी तौर पर बिल्कुल अलग है, लेकिन सबमें एक समानता है और वो है शैतान के वजूद को लेकर। शैतान एक बुरी शक्ति है जो लोगों को गलत काम के लिए प्रेरित करती है, वो लोगों को ईश्वर के बनाए रास्ते पर चलने की बजाय किसी और रास्ते पर चलने को प्रेरित करता है।
इसाई धर्म के मुताबिक, शैतान नरक का स्वामी नहीं है जैसा की आमतौर पर फिल्मों और कार्टून्स में दिखाया जाता है, बल्कि नरक उसे सज़ा देने के लिए बनाई गई जगह है। शैतान लोगों को से गलत काम करवाके उन्हें में नरक में अपना भागीदार बनाना चाहता है।
धार्मिक पुस्तकों के अनुसार लोगों से गलत काम करवाने के लिए शैतान उनके दिमाग़ को भ्रमित करता है, मगर कुछ धार्मिक लोगों को वो भ्रमित नही कर पाता, इसलिए उसने कुछ ऐसी चीज़ों का आविष्कार किया जो लोगों को गलत राह पर ले जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि रोज़ाना इस्तेमाल में आने वाली इन चीज़ो का आविष्कार शैतान ने किया है।
1. वाद्य यंत्र
इस्लाम धर्म को मानने वाले कुछ लोगों का कहना हैकि वाद्य यंत्र शैतान द्वारा बनाए गए हैं। इसलिए संगीत को लेकर कई बार बार विवाद हो चुका है। मसलमानों का एक तबका इसे हराम मानता है। उनका कहना है कि ये लोगों को अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने से भटकाता है। यही वजह है कि अफागानिस्तान में तालिबान ने सभी तरह के गीत-संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालांकि सभी मुस्ल्मि इस बात से सहमत नहीं हैं। ईसाई धर्म में भी संगीत का शैतान से संबंध बताया गया।
2. टेलीफोन
आज के दौर मोबाइल फोन हमारी ज़िंदगी का ऐसा अभिन्न हिस्सा बन गया है कि इसके बिना हम एक दिन तो क्या कुछ घंटे भी नहीं रह सकते। शौक से ज़्यादा आज ये ज़रूरत बन चुकी है, मगर फोन का चलन तो पिछले 150 साल है, इसके पहले तो लोग बिना फोन के ही चैन से रहते थे, उस वक़्त लोगों को तुरंत किसी तक कोई समाचार तुरंत पहुंचाने की जल्दी नहीं होती थी।
1880 में जब स्वीडन के लोग फोन को लेकर दीवाने हुए जा रहे थे, तब कई लोग इस नई तकनीक से डरे हुए भी थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि ये शैतान का बनाया हुआ है। तारों के ज़रिए आवाज़ ट्रांस्मिट होकर एक जगह से दूसरी जगह जाएगी जिससे बुरी शक्तियां आकर्षित होगी। इस डर की वजह से उस वक्त पुजारियों का एक समूह टेलिफोन लगवाने से रोकने के लिए राजा के पास गए, मगर राजा ने उनकी बात नहीं मानी।
3. क्रॉस का निशान
ईसा मसीह की क्रॉस के साथ फोटो आपने भी हर जगह देखी होगी, क्रॉस को ईसाई धर्म का पवित्र चिन्ह माना जाता है, मगर अमेरिका के चर्च ऑफ ग्रेट गॉड के अनुयायियों का मानना है कि बाइबिल में कही भी क्रॉस का ज़िक्र नहीं है और ईसाई धर्म में क्रॉस को शैतान ने लाया है। अंग्रेज़ी के टी अक्षर जैसे बने क्रॉस का यीशू और ईसाई धर्म से कोई लेना-देना नहीं। दरअसल, शैतान ने ईश्वर की पूजा से ध्यान भटकाने के लिए क्रॉस को ईसाई धर्म का पवित्र निशान बनाया था।
4. फुटबॉल
नाइजीरियाई के इवानग फूमिलो एडोब्यो सालों से ये दावा कर रहे हैं कि फुटबॉल जिसे सॉकर भी कहते हैं, शैतानों का आविष्कार है। वह तर्क देते हैं कि शैतान इसके लोगों को धर्म, जाति, राष्ट्रीयता आदि से परे होकर ईश्वर के खिलाफ एकजुट करता है। इनके मुताबिक, बाबेल टॉवर के निर्माण के दौरान लोगों की भाषा से भ्रमित होकर ईश्वर ने उन्हें इधर-उधर बिखेर दिया, लेकिन शैतान ने ईश्वर के विरुद्ध उनका इस्तेमाल करने के लिए फुटबॉल के ज़रिए उन्हें एकत्र किया। दरअसल, फुटबॉल का लोगों पर बहुत गहरा असर पड़ता है और ये उनके बीच बहुत लोकप्रिय भी है।
इन मान्यताओं के बारे में आपका क्या कहना है?