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Channel: Culture – TopYaps
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क्या गंजेपन का सचमुच कामयाबी से कोई रिश्ता है?

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बात अजीब लग सकती है, मगर कहीं न कहीं सच है। आपने भी गौर किया होगा कि कई कामयाब बिजनेसमैन के सिर पर एक भी बाल नहीं है। बात चाहे गोल्डमैन सैक्स के हेड लॉयड ब्लैंकफिन की हो, नेटस्केप के संस्थापक मार्क एंड्रीसन या फुबु के संस्थापक और शार्क टैंक के निवेशक डायमंड जॉन की। वैसे इनके अलावा भी बिजनस के कई बादशाह पूरी तरह गंजे हैं।

क्या कहती है रिसर्च?

पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, सफाचट होने के पीछे कुछ दमदार राज है। रिसर्चर अल्बर्ट मेनेस ने तीन प्रयोग किए, जिसके मुताबिक सफाचट सिर वाले यानी पूरी तरह गंजे लोग ज्यादा रौबदार माने गए। स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों के बाल खुद-ब-खुद झड़ रहे हैं, वो सिर के बाल कटाकर अपना व्यक्तित्व निखार सकते हैं।

अल्बर्ट मेनेस अमेरिकी सरकार के लिए डेटा साइंटिस्ट के तौर पर काम करते हैं, उनका कहना है कि गंजे लोगों को ज्यादा रौबदार माने जाने के पीछे वही सांस्कृतिक सोच है, जो लंबाई और बुलंद आवाज को ज्यादा प्रभावी मानती है। मेनेस का कहना है कि उन्हें इस विषय में रिसर्च करने की प्रेरणा तब मिली जब मुंडन के बाद लोग उन्हें कुछ ज्यादा ही अलग दिखने लगे।

मेनेस ने अपने पहले प्रयोग में शामिल लोगों को बाल वाले और गंजे, दोनों लोगों की तस्वीरें दिखाकर उनके दबदबे को लेकर उभरी इनकी छवि की रेटिंग करने को कहा।

दूसरे प्रयोग में शामिल लोगों को एक ही व्यक्ति की दो अलग-अलग तस्वीरें दिखाई गईं- एक बाल के साथ, दूसरे कंप्यूटर के जरिए गंजा बनाकर।

वहीं, तीसरे प्रयोग में शामिल लोगों को इन तस्वीरों को रौब, आकर्षण आदि जैसे व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं के आधार पर रेटिंग देने को कहा गया।

इन प्रयोगों के परिणाम प्रैक्टिकल आए। यदि आपके भी बाल झड़ रहे हों तो सिर मुंडवाना शायद बेहतर विकल्प है। मेनेस भी लोगों को यही सलाह दे रहे हैं कि हेयर फॉल रुकने की दवा पर हजारों खर्च करने से बेहतर है कि पुरुष गंजे हो जाएं।


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