आपने लोगों को मुंह से गुब्बारे फुलाते हुए देखा होगा, लेकिन क्या कभी किसी को कान से गुब्बारे फुलाते हुए देखा है? यक़ीनन नहीं देखा होगा। लेकिन एक ऐसा शख्स है जो ये अजब-गजब का कारनामा करता है।
सोनभद्र के लसड़ा गांव के रहने वाले मणिशंकर पांडे कान से न सिर्फ गुब्बारे फुलाने में माहिर है, बल्कि कान से ही फूंक मार कर मोमबत्तियां भी बुझा देते हैं।
मणिशंकर के लिए इस कारनामे को करना चुटकियों का काम नहीं था। इस आश्चर्यजनक कार्य के पीछे उनके वर्षों के अभ्यास का हाथ है। मणिशंकर बताते हैं कि कई वर्षों के अभ्यास के बाद इस कला में वह पारंगत हुए हैं। अब उनके लिए कान से गुब्बारें फुलाना बाएं हाथ का खेल है।
गुब्बारा फुलाने से पहले पांडे तेज सांस लेकर सीने में हवा भर लेते हैं, फिर नाक बंद करके कान से तेज हवा निकालते हैं। इससे गुब्बारा उसी तरह फूलने लगता है जैसे मुंह से फुलाया जा रहा हो।
जब भी उनके इलाके में कोई समारोह और महोत्सव होता है, लोग उन्हें अपनी कला को दिखाने के लिए आमंत्रण करते हैं। वहीं उन्हें अपनी विशेष कला के लिए कई बार सामनित भी किया जा चुका है। अब तो दूसरे जिलों के लोग भी पांडे के इस विचित्र हुनर को देखने आते हैं।
उनके परिजनों का कहना है कि अगर मणिशंकर को प्रोत्साहन और उचित मंच मिले तो उनका नाम लिम्का बुक और गिनीज बुक में भी दर्ज हो सकता है। उनमें ये काबिलियत है कि वह इस रिकॉर्ड को बना सकते हैं।
यहां देखें इस अद्भुत कला का विडियो: