बिहार के ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी का नाम तो आपको याद ही होगा। वही दशरथ मांझी जिन्होंने केवल हथौड़ा और छेनी लेकर अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी सड़क बनाने के लिए 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट डाला था।
जिस तरह दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के प्यार में एक पहाड़ को काट कर रास्ता बना दिया था। ठीक उसी तरह ओडिशा के कंधमाल के रहने वाले जालंधर नायक ने अपने बच्चों के लिए अकेले ही आठ किलोमीटर लंबी सड़क तैयार कर दी।
दरअसल, नायक कभी पढ़-लिख नहीं सके। सब्जी बेचकर अपनी परिवार का पालन पोषण करने वाले नायक नहीं चाहते थे कि उनके बच्चों की शिक्षा में कोई भी कठिनाई हो। उनके बेटों को स्कूल तक जाने के लिए पहाड़ और जंगल को पार करना पड़ता था जो काफी मुश्किल भरा था। ऐसे में कभी स्कूल ने जाने वाले नायक ने अपने तीन बच्चों को स्कूल तक भेजने के लिए ये मुश्किल कारनामा कर दिखाया।
45 साल के जालंधर नायक ने हर रोज आठ घंटे कड़ी मेहनत करके दो साल में अकेले, बिना किसी प्रशासनिक मदद के आठ किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली और अगले तीन साल में और सात किलोमीटर सड़क बनाने का उनका लक्ष्य है।
यह सड़क उनके गांव गुमसही को मुख्य मार्ग से जोड़ता है। बता दें कि इस गांव में अकेले नायक का ही परिवार रहता है, बाकी गांव वाले यहां संसाधनों की कमी के चलते गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं।
नायक नहीं चाहते कि जिस तंगी से वह जूझ रहे हैं उनके बच्चो को उसका सामना करना पड़े। इसलिए यह अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर शिक्षित बना उनके भविष्य को उज्जवल बनाना चाहते हैं।
इस बीच, ब्लॉक विकास अधिकारी एस के जेना ने भरोसा दिलाया कि वह सड़क बनाने के लिए नायक को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। जिलाधिकारी बृंद्धा डी ने जब स्थानीय अखबार में नायक की कहानी पढ़ी, तो उन्होंने इस माउंटेन मैन को सम्मानित करने का भी निर्णय लिया।नायक इस बात से खुश हैं कि जिला प्रशासन की मदद से गांव तक पक्की रोड का निर्माण कार्य पूरा किया जा सकेगा।